tag:blogger.com,1999:blog-3688148429960405201.post7636780845717991436..comments2024-03-11T14:25:01.160+05:30Comments on सोचालय: पार्क में उड़ता पर्चा...सागरhttp://www.blogger.com/profile/13742050198890044426noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-3688148429960405201.post-9267706494094370602011-02-24T22:58:19.687+05:302011-02-24T22:58:19.687+05:30कमेन्ट देना बाध्यता बन गया है, क्यूंकि कुछ समझ नही...कमेन्ट देना बाध्यता बन गया है, क्यूंकि कुछ समझ नहीं आ रहा कि क्या कहूँ , पर उपस्थिति भी दर्ज कराना चाहता हूँ , ये बताने के लिए कि बेहद पसंद आया ये गद्य ...Neerajhttps://www.blogger.com/profile/11989753569572980410noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3688148429960405201.post-87480058710102316292011-02-22T13:19:39.780+05:302011-02-22T13:19:39.780+05:30पर अलग अलग गुहारों के स्वाद लेने की भी कोई मजबूरी...पर अलग अलग गुहारों के स्वाद लेने की भी कोई मजबूरी थोड़े ही ना है, हिम्मत हो तो हुंकारों वाला जीवन भी जिया जा सकता है...पागल निराला को जानते हो ना डियर।Rajeyshahttps://www.blogger.com/profile/01568866646080185697noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3688148429960405201.post-70749615629805496352011-02-20T21:08:29.167+05:302011-02-20T21:08:29.167+05:30पता नहीं कौन-सी रौ में हो आजकल...विगत दो पोस्टों क...पता नहीं कौन-सी रौ में हो आजकल...विगत दो पोस्टों की रंगत और आज फिर ये। बदले-बदले से हमारी सरकार नजर आते हैं/घर...ओह सारी, ब्लौग की बर्बादी के आसार नजर आते हैं" ।<br /><br />खैर, ...कि तुम खुले आम कह रहे हो "कृपया कमेंट्स को अपनी बाध्यता या मज़बूरी ना बनाएँ. हाँ गलतियाँ और कमियों का स्वागत है. शुक्रिया"..तो कह ही देता हूँ, इतनी धाकड़ लेखनी और अचम्भित करते बिम्बों के दरम्यान चंद लिंग-भेदों की गलतियां हलकान करती हैं। वहीं कुछ बिम्ब महज नये बिम्ब क्रियेट करने की आकांक्षा{महत्वाकांक्षा} में पूरे भाव को मरोड़ डालते हैं। जैसे पोस्ट का पहला जुमला ही...अब गन्ने-जूस वाली मशीन गर रस भरे आदमी का कचूमर निकालने लगे, तो हर मोड़, हर नुक्कड़ पे कैसे-कैसे हादसे होंगे...उफ़्फ़्फ़, सोच कर ही सिहर उठता हूँ। हा! हा!!गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3688148429960405201.post-85621306001945951852011-02-20T16:10:40.543+05:302011-02-20T16:10:40.543+05:30मोहल्ले से गुजरा था..
एक परचा खूबसूरत मिलामोहल्ले से गुजरा था..<br />एक परचा खूबसूरत मिलाओम आर्यhttps://www.blogger.com/profile/05608555899968867999noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3688148429960405201.post-35165118152033357802011-02-20T04:37:18.537+05:302011-02-20T04:37:18.537+05:30क़त्ल का ज़ख्म बहुत गहरा लगता है... जिस दिन भरेगा.....क़त्ल का ज़ख्म बहुत गहरा लगता है... जिस दिन भरेगा... धोखे का अहसान मानोगे... :-)neerahttps://www.blogger.com/profile/16498659430893935458noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3688148429960405201.post-5949702261432731032011-02-19T20:25:31.132+05:302011-02-19T20:25:31.132+05:30काम जितना ग्लैमरस दिखता है, उतना ही गन्ने जैसे पेर...काम जितना ग्लैमरस दिखता है, उतना ही गन्ने जैसे पेरा जाता है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3688148429960405201.post-57932952332341789962011-02-19T13:54:01.119+05:302011-02-19T13:54:01.119+05:30फज़ा में सोचलय घुल जाए तो भी नशा कुछ और ही होगा.. ...फज़ा में सोचलय घुल जाए तो भी नशा कुछ और ही होगा.. <br /><br />जबरदस्त कलम चलायी है.. <br /><br />नोट : ऊपर वाली लाइन पिछली दो पोस्ट्स के लिए है..कुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3688148429960405201.post-80478697298927062132011-02-18T16:22:47.354+05:302011-02-18T16:22:47.354+05:30तो चरित्र में उतरो मेरी जान !
बहुत उलझा हुआतो चरित्र में उतरो मेरी जान !<br /> बहुत उलझा हुआsonalhttps://www.blogger.com/profile/03825288197884855464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3688148429960405201.post-10664281950221272532011-02-18T15:11:26.491+05:302011-02-18T15:11:26.491+05:30फज़ा में शराब बरस रही है, खून रिस रहा है, और हम अप...फज़ा में शराब बरस रही है, खून रिस रहा है, और हम अपने पीरियड्स के खत्म होने का इंतज़ार कर रहे हैं। तुम पढ़ कर कहोगे - खुदा खुदा ! हम भी जी कर यही कर रहे है, बस ज़रा गुहार का स्वाद अलग है<br /><br />अरे कसम से ये ही सोच रहे हैं....anjule shyamhttps://www.blogger.com/profile/01568560988024144863noreply@blogger.com