लिखने-पढ़ने संबंधी सामग्री को लेकर मैं ज़रा सीनिकल हूं। हर कुछ दिन पर स्टेशनरी के दुकानों वाली गली के चक्कर लगा आता हूं। हर दुकान में झांक लेता हूं। दुकानदार अब पहचानने लगा है। मेले में एक बच्चा जैसे चकरी, घिरनी, बरफ के रंगीन गोले और लाल शरबत की ओर जैसे आकर्षित होता है वैसे ही मैं स्टेशनरी की दुकान में लटके रंग बिरंगे फ्लैग्स्, मोटे पन्नों वाली डायरी, विभिन्न शेड्स के इंक, कैंची, फाइल कवर, स्टेपलर, रबड़, टैग, पिन, स्केच पेन, हाईलाइटर, प्लास्टिक पिन, मार्कर, ग्लू स्टिक (नॉन टॉक्सिक), स्टिक स्लिप, एच बी पेंसिल, कंपास, लंबे आकार के निब वाली कलम, स्केल, चॉक, डस्टर, बॉल पेन, चित्रकारी में रंग भरने के लिए अलग अलग रंग की शीशी, स्ट्रोक ब्रश, स्टॉम्प, लिफाफे, स्लैम बुक, र्स्पाकल पेन वगैरह की ओर खिंचता हूं। पंखे के नीचे किसी स्पाईलर बाइंडिंग किए हुए स्क्रिप्ट के अमुक अमुक पेज़ पर लगे ये रंगीन फ्लैग जब हवा में फड़फड़ाती है तो लगता है प्यार करने के दौरान अचानक बज उठे किसी फोन के दौरान कोई तरूणी अपने आशिक की कमीज़ के गिरेबान से खेल रही हो। कमीज़ के कॉलरों और बटनों पर उसकी उंगलियों की वो सरसर
I do not expect any level of decency from a brat like you..