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Showing posts from August, 2009

डायरेक्टरर्स कट

/सीन-१/ सुनेहरा मौसम/दिन ब्लैक एंड व्हाइट शेड में आपकी गर्लफ्रेंड फरों वाला ओवरकोट पहने हुए है... गले में स्कार्फ, और घुटनों तक का बूट, उसके हाथ में आपके उधार के पैसों के लिया ऑर्किड का गुलदस्ता है.. क्योंकि उसे पसंद है... वो चार महीने बाद आपसे मिलने स्टेशन पर आ रही है... सिर्फ २० मिनट का वक़्त है, उस ट्रेन के उस स्टेशन विशेष पर रुकने का... आपने कई रातें जग कर, हर भावना में डूब कर, कभी पहाड़ पर, तो कभी साहिल पर बैठकर, कभी जगती आँखों से कोई सपना देखते हुए उसे हर मूड में कई लव लेटर्स लिक्खे हैं... इसमें से कई मीर के शेर है तो कुछ चुराए हुए दोस्तों के मोबाइल से फॉरवर्ड किया हुआ एस. एम. एस., अगर गर्लफ्रेंड कुछ ज्यादा हाई-टेक है तो आर्चीज़ के दूकान के शाम के रंगीन साये में एक दुसरे पर झुकते कपल्स के धुंधले चेहरे के बैकग्रऔंद में कुछ अंग्रेजी कोटेशन्स, आप चेप देते हैं... क्योंकि आपने तो सिर्फ प्यार किया! ऐसे उच्च ख्याल कहाँ आये आपने दिमाग में? ... हाँ कॉपीराइट आप ज़रूर लेते है , वाजिब भी है अपना पढाई छोड़ कर, अपना काम छोड़ कर, बायोलोजी के प्रैक्टिकल एक्साम के

ओवर आल वी वर्क फॉर हियुमिनिटी एंड व्हेन...

वो ७५ डिग्री की एंगल लिए लैपटॉप पर काम कर रही है... टांग पे टांग चढा कर बैठी है... बाल शैंपू किये हुए है और शहराना अंदाज़ में खुले हैं... जो दोनों रुखसारों को ढके हुए हैं... साथियों को बस बीच में उनकी नाक ही नज़र आती है... बालों को बीच-बीच में दिलफरेब झटका सा दे देती है... और मेरे पुरुष साथी निढाल हो जाते है... हाँ-हाँ नीचे से जींस, एक हाथ कटी हुई है... कैपरी कहते है शायद उसको... एक शोर्ट सा कुरता पहना है... कोई उत्तेजित करता सा इत्र लगा रखा है... उसने कभी बासी खाना नहीं खाया है, यह बात उसकी स्किन बोल रही है, पजेरो में बैठा ड्राईवर कुत्ते की तरेह चौकन्नी नींद सो रहा है... और वो लैपटॉप पर काम कर रही है... वो जब भी किसी की तरफ नज़र उठाती है, आँखों पर का स्क्वायर चश्मा चमक उठता है, ...फर्राटेदार, चमकदार अंग्रजी बोलती है... एक प्रेशर सा बनाती है अपने साथियों पर... सबसे पहले और सबसे ज्यादा बोलती है... वो चाहती है उसके मुंह से कमांड छुटते ही वो काम हो जाये, किसी चीज़ की फरमाइश करते ही उसके नाक पर ठोक दी जाये... वो पशेंसलेस है... वो योजनाएं बनाती ह