पैकेट खुला रखने की आदत से सारे सिगरेट में बरसाती हवा लग गई है. कई बार तो उसे जलाने में तीली को आधे रास्ते तक सफर तय करना पड़ता है. पहले ऐसा नहीं था एक भरम भर होता था कि तीली सुलगाई है. सिगरेट के पास ले जाते ही सिगरेट जल उठती
ज़िन्दगी, सुनसान जगह पर किसी पठानी औरत के साथ ठहरी लगती है. वो कसाई जैसी आँखों से मुस्कुराती हुई देख रही है.
बत्तीस इंच कंप्यूटर स्क्रीन पर यू ट्यूब में वृहत फलक लिए उदासी भरा गीत सुन रहा हूँ. फिलहाल गीत चल रहा है पर दृश्य रुक गया है.
मस्तिष्क की स्मृति में कई गैर जरुरी वायलिन का नोट्स छूट रहा है .. मुझसे बाहर कितनी लहरें है जिसके भिगोने का कोई टाइम टेबल नहीं है. बदन सूखते ही बौछारें अपने गिरफ्त में ले फिर से जगा जाती है
थोड़ी नींद, थोड़ी खुमारी, आधी बंद लाल आखें और बायीं बाजू पर औंधे पड़ी जांनिसार अख्तर की किताब. कितनों कि ज़िन्दगी में हमारा अपना अक्स है लेकिन हम नहीं जान पाते कि इस बिनाह पर हमारा क्या होना है... उम्म्म्म.... किसे लिख सकते हैं हम ना होंगे तो हमको बहुत याद करोगे ?
और अंत में :
“रोज कितने ही लड़के इस शहर में आते हैं और जाने कैसे उन दिनों बसर करते हैं, किसी के पास पैसे की कमी, तो किसी के पास काम की, कोई घर की याद से बेहाल तो किसी पर कई सपनों का धुन, विज्ञापनों का शोर और रफ़्तार भरी गाडियां... लेकिन वो हिम्मत ना हारे”
उस दुर्लभ क्षण में जब आवाज़ दर्द की टीस से लरजता, झुकता होता है और प्रेम या विरह की हिलोरें कचोट मारती हैं उसका ऐसा कॉल हैरानी से भर गया
(कल रात प्रोग्राम के लगभग अंत में एक बजकर एक्वावन मिनट पर का काल )
... शुक्रिया लड़की (कुछ और दिन उम्मीद जलाने के लिए)
लाईटर जलती है, सुलगाती है. जलाती है.
bahut khoob...
ReplyDeletephoto to mast hai ji......
ReplyDeleteतुम्हारी हिंदी की लिखावट कई बार परेशान करती है /(कुछ अशुद्धियाँ),
ReplyDeleteलेख काबिले तारीफ है ।
रोज कितने ही लड़के इस शहर में आते हैं और जाने कैसे उन दिनों बसर करते हैं.....
ReplyDeletebahut se aate hain kabhi koi jane ke liye aata hai to koi jane ke liye...likn unke sath kuch yaaden bhi aati hain jo na to kahin aati hai na hi jati hain...bus unke sath ghun ki tarah chipki rah jati hain........
वैधानिक चेतावनी: धूमपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है... इसे बढ़ावा देना एक सामाजिक अपराध है...
ReplyDeleteज्यादा सोचना भी स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है. स्वास्थ्य बड़ी नेमत है, इसे संभालकर रखिये.
"इ लईकिया कौन है हो???"
चलो अच्छा मत बताओ...
ये बताओ कि और कौन-कौन सी बुरी आदतें हैं तुममें:-)
नॉट: इस टिप्पणी को सीरियसली मत लेना. आज ज़रा 'लाइटर' मूड में हूँ:-)
रश्क हो यार ऐसी लड़की से जिसमें उम्मीद को जलाये रखने का माद्दा है!
ReplyDeleteपोस्ट तुम्हारी स्पष्ट छाप लिए हुए है. लगता है जैसे जिंदगी का पोस्टमार्टम किया हो.
bhaut inspirational hai..inko padh kar na jane maine kitne sari poems likhee hai...
ReplyDeletesochalay rocks
antaswork.blogspot.com
sari articles mai tumhare jaisa style hai..
thankyou
ज़िन्दगी, सुनसान जगह पर किसी पठानी औरत के साथ ठहरी लगती है. वो कसाई जैसी आँखों से मुस्कुराती हुई देख रही है.
ReplyDeleteपता नही जिंदगी हमेशा ऐसी जगह पर सबसे ज्यादा क्यों पायी जाती है..जहाँ उसके होने की सबसे कम उम्मीद हमें होती है..खैर एक प्यार का नग़मा है..मौजों की रवानी है..जिंदगी यूं ही अनगिन कमियों तले शहर मे बसर करते ऐसे कितने लड़कों की कहानी है..
लड़की के दिल का साइज जरूर कम-स-कम एशिया के बराबर का होगा..उसे भी सलाम!!