me: हाय सुचित्रा
क्या हाल ऑफिस में हैं ?
SUCHITRA: हाय सागर
4:12 PM ठीक ठाक ऑफिस में ही हूँ
और आप ?
me: ऑफिस में
SUCHITRA: so कहाँ काम करते हैं आप ?
me: दिल्ली
थोडा mod बन के कहूँ तो
डेल्ही
SUCHITRA: इन व्हिच कंपनी ?
4:13 PM me: हे हे
आपके जैसा MNC में नहीं हूँ
बस दिहाड़ी मजदूर हैं
4:14 PM SUCHITRA: ओ. के. ...आपको कैसे मालूम हमारी कंपनी MNC है ?
me: देखने वाले चील की नज़र रखते हैं :P
4:15 PM SUCHITRA: Wow..क्या thekha hai IM ke throught
through
me: हा हा
आप बताइए
अगर डिस्टर्ब कर रहा हूँ तो....
बता दें
शरमायें नही
4:16 PM प्लीज़
SUCHITRA: शरमायें नहीं मतलब ?
मतलब ?
me: मतलब हिचकिचाएं नहीं
SUCHITRA: अब ये सही शब्द है
me: कई बार कुछ सीधे -सीखे कहना
मुश्किल होता है
4:17 PM ना इसलिए
SUCHITRA: आप तो राइटर जैसे बात करते हैं
me: हूँ, ही
क्या करें
धर्म निभाना पड़ता है
SUCHITRA: हम लिखते ज़रूर हैं ....लेकिन इंसान प्रक्टिकल हैं
निभाते रहिये
4:18 PM me: जानता हूँ
कि आप प्रक्टिकल हैं
वो हर्फों में चेहरा नुमाया होता है
होता जाता है
फिर तस्वीर बन जाती है
4:19 PM SUCHITRA: wow....नॉर्मली ऐसे ही बात करते हैं क्या आप ?
me: हाँ
क्यों
SUCHITRA: हर्फ़, चेहरा, नुमाया और तस्वीर
me: कोई खराबी है !
4:20 PM जी
यही तो मिलकियत है अपनी
SUCHITRA: नहीं .....
दुर्लभ जीव हैं फिर :-)
me: अच्छा !
कमाल है
4:21 PM क्या हुआ
रुक क्यों गयी ?
SUCHITRA: चले ही कब थे ?
4:22 PM me: अभी तक तो चल रहे थे
फिर चल पड़े हैं
SUCHITRA: हा हा हा ....कमाल है
me: कितना ?
SUCHITRA: चलिए आप यूँ ही चलते रहिये
फिर हम चलते हैं
me: यह जाने का लक्षण था
चलिए से ही समझ गया था
4:23 PM SUCHITRA: ये अंदाज़ था ....आगाज़ किया था हमने
me: अंजाम का !
?
SUCHITRA: अंजाम यही कि जा रहे हैं
4:24 PM चलो bye
have a nice time ahead
me: शब्बा खैर ..
SUCHITRA: :-)
***
{सुचित्रा (बदला हुआ नाम) और यहाँ उनकी अनुमति से; आभार.}
***
{सुचित्रा (बदला हुआ नाम) और यहाँ उनकी अनुमति से; आभार.}
सुचित्रा से हमदर्दी है.. जानती नहीं किस हलकट से बतिया रही है..
ReplyDeleteएक गाना याद आ गया
ReplyDelete"कहिये सुनिए कहिये ना ... कहते सुनते बातों बातों में ..... हो जाएगा
दुर्लभ जीव हैं आप( सही है ).अगली chat का इंतज़ार..:)
ReplyDeleteसोनल जी ने खूब कही...लेकिन पता नहीं--- हो जाएगा कि नहीं...और चैट...
ReplyDeleteअब हमारी वाली लगने वाली है क्या ???? :-)
खूब रही ये चैट...:)
ReplyDeleteभई कुछ कन्फ़्यूजन हुआ है हमें..दूसरा नाम भी बदला हुआ है क्या..यह आप तो नही लगते..कोई और ’सागर’ है..मेरा मतलब कोई शरीफ़ सागर है! ;-)
ReplyDelete..खैर पता चलता है कि चीलें कहाँ उड़ रही हैं आजकल..! और खुद की तारीफ़ें करवाने का अंदाज भी अच्छा..:-)
बढ़ियाँ हैं..लगे रहो सागरभाई!!:-)
और शब्बा कौन है..जिसकी नित खैर माँगी जा रही है ;-)
वाह चैट। शब्बा खैर।
ReplyDeleteKoi chat bhi blogging ka hissa ban sakti hai..aaj pata chala...suna hai kahaniya tukdo mein poori hoti hain...Haan aagaz achcha hai:-)
ReplyDeleteहैव ए नाइस डे।
ReplyDelete………….
सपनों का भी मतलब होता है?
साहित्यिक चोरी का निर्लज्ज कारनामा.....
कुश से १००% सहमत हूँ कि सुचित्रा को नहीं पता कि किस हलकट से पाला पडा है.. सुचित्रा से पूरी सहानुभूति है.. :(
ReplyDeleteवैसे बदले हुये नाम पर भी तुम्हे बख्श दिया गया? बदला हुआ नाम भी ’अच्छा’ होना चाहिये था यार!.. :-)
:)
ReplyDeleteबड़े मियाँ दीवाने ऐसे न बनो :)
हम जान गये हम जान गये। ई पहिला प्यार वाला सोनू है. कोई भी सी डी चला लेता है । गद्य की चाटीय विधा काफी लोक्प्रिय हो रही है आज कल।
ReplyDeleteसत्य
विगत पौने घंटे से अजीब पोस्ट यात्राओं से गुजरा हूँ। पहले पीडी, फिर अपूर्व और अब तुम....
ReplyDeleteये आजकल के लड़के...उफ़्फ़्फ़्फ़!
इस चेट में भी ना ... शब्द कम और अनकहा ज्यादा....
ReplyDelete:) wakai kya sach hai yah chat ....
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